Do You Make These Simple Mistakes In Story?
Sunday, February 9, 2020
Edit
- पंत जी का ध्यान गया पिताजी ने फावड़े दिए,
पिताजी ने फावड़े दिए, जो टफ्ट्स से भरे हुए थे, गोपाल के हाथों में। गोपाल स्कूल गया। बच्चों की भीड़ थी। किसान का बेटा केला लौंग लाया था। ऋणदाता का बेटा पच्चीस रुपये में लाया था। प्यारा लड़का पेड़ ले आया था। कपड़ा दुकानदार ने अपने बेटे के साथ दो पुलिस स्टेशन भेजे थे। पंत जी सब ले रहे थे। गोपाल पर किसी का ध्यान नहीं गया। जब से वह अपनी बाहों में एक बोरी पकड़े खड़ा था। वह आखिरकार हिलने लगा।
पंत जी का ध्यान गया। L अरे, क्या गोद है! क्या हुआ? ' उन्होंने पूछा। गोपाल फुसफुसाया, 'कोई मेरी गाड़ी नहीं ले रहा है।' पंत जी ने पूछा, 'गाड़ी में क्या है?' 'दही' गोपाल ने कहा। पंत जी ने कहा, 'इसे इधर-उधर करके लाओ।
एक बर्तन में उन्होंने बोरियों को डाला; लेकिन फिर से वे कचरे से भरे हुए हैं। फिर से उन्होंने डाला। तो गैजेट फिर से भरे हैं! भले ही घर के सभी बर्तन भरे हुए हों, लेकिन कचरे को खाली नहीं किया जा सकता है। सभी ग्रामीणों ने दही भरा। Devagharace दही। यह अमृता की तरह प्यारी थी। चाहे आप कितना भी खा लें, भरा नहीं है। यह हवा की तरह महसूस होता है। सभी लोग आश्चर्यचकित थे।
पंत जी ने गोपाल से पूछा, 'गोपाल! किसने बच्चे को दफन किया? ' गोपाल ने कहा, 'मेरे दादा'। पंत जी ने फिर पूछा, 'आपके दादा, क्या आप मुझे दिखाएंगे?' गोपाल ने खुशी से कहा, 'हाँ। मेरे साथ आओ, और मैं तुम्हें दिखाऊंगा। मेरे दादा कितने अच्छे हैं। सिर पर मोर का पंख, मुंह में, कंधों पर कंधे होते हैं। मीठी बातें मीठा खेलता है। आपको दिखाएंगे आपको भी यह पसंद आएगा। '